ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा का तर्क है कि बिजली बोर्ड में उनका सीधा हस्तक्षेप नहीं है, जिससे कई चीजें इग्नोर हो रही हैं.from Latest News हिमाचल प्रदेश News18 हिंदी https://ift.tt/2ve0jgk
ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा का तर्क है कि बिजली बोर्ड में उनका सीधा हस्तक्षेप नहीं है, जिससे कई चीजें इग्नोर हो रही हैं.
शख्स की पहचान नरेंद्र दामजी कोटकर (54) के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि परिवार में रोज हो रहे झगड़ों और आर्थिक किल्लत की वजह से वह तनाव में थे. गुस्से में आकर वह खुदकशी करने के लिए कुर्ला स्टेशन पहुंच गए.
ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा का तर्क है कि बिजली बोर्ड में उनका सीधा हस्तक्षेप नहीं है, जिससे कई चीजें इग्नोर हो रही हैं.
शख्स की पहचान नरेंद्र दामजी कोटकर (54) के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि परिवार में रोज हो रहे झगड़ों और आर्थिक किल्लत की वजह से वह तनाव में थे. गुस्से में आकर वह खुदकशी करने के लिए कुर्ला स्टेशन पहुंच गए.
हाल ही में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने यो-यो टेस्ट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला है, जिसमें एलिस्टर कुक और जेम्स एंडरसन दौड़ रहे हैं.
ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा का तर्क है कि बिजली बोर्ड में उनका सीधा हस्तक्षेप नहीं है, जिससे कई चीजें इग्नोर हो रही हैं.
शख्स की पहचान नरेंद्र दामजी कोटकर (54) के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि परिवार में रोज हो रहे झगड़ों और आर्थिक किल्लत की वजह से वह तनाव में थे. गुस्से में आकर वह खुदकशी करने के लिए कुर्ला स्टेशन पहुंच गए.
कुछ देर के बाद पुलिस पेट्रोल टीम मौके पर पहुंची और इंस्पेक्टर को समझाने की कोशिश करने लगी. लेकिन, नशे में धुत इंस्पेक्टर किसी की नहीं सुन रहा था. आखिर में पुलिस की टीम उसे जीप में बिठाकर थाने ले गई.
सोमवार को यमुना का जलस्तर जहां 205.62 मीटर दर्ज किया गया था वहीं मंगलवार को यह 206 मीटर तक पहुंच गया.
ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा का तर्क है कि बिजली बोर्ड में उनका सीधा हस्तक्षेप नहीं है, जिससे कई चीजें इग्नोर हो रही हैं.
सोमवार को यमुना का जलस्तर जहां 205.62 मीटर दर्ज किया गया था वहीं मंगलवार को यह 206 मीटर तक पहुंच गया.
भारत में दिव्यागों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है. जी हां, केरल में इंजीनियरिंग के कुछ छात्रों ने मिलकर इनके लिए सेल्फ ड्राइव व्हील चेयर बनाई है. जिसे चलाने के लिए किसी दूसरे के सहारे की जरुरत नहीं पड़ेगी, दिव्यांग व्यक्ति व्हील चेयर पर बैठ-बैठे अपने मोबाइल ऐप से कमांड देकर इसे नियंत्रित कर सकता है. इस आविष्कार से दिव्यांग व्यक्ति अपनी व्हील चेयर को आसानी से आगे-पीछे और दायें-बायें मुड़ा सकेंगे वो भी बिना किसी अन्य की सहायता के. 'सेल्फ-ई' नामक इस व्हील चेयर को केरल के कोलाम अमृता विश्व विद्यापीठम में बनाया गया है. इसे इंजीनियरिंग के 3 छात्रों रवि तेजा, सारथ श्रीकांत और अखिल राज ने मिलकर बनाया है. इन छात्रों के द्वारा पिछले साल जुलाई में 'सेल्फ-ई' बनाने का प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी. एक साल की मेहनत और लगन के बाद इन्होंने मिलकर बनाया 'सेल्फ-ई'. इस 'सेल्फ-ई' को मॉल्स, एयरपोर्ट, अस्पताल और घरों में भी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे बनाने में 90 हजार से एक लाख रुपये का खर्च आता है. इस 'सेल्फ-ई' व्हील चेयर को मोबाइल ऐप से कंट्रोल किया जाता है. इसमें लेजर सेंसर आधारित लाईडार टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है. सेंसर पर्यावरण के एलिमेंट की पहचान करके मैप तैयार करता है. यह मैप एंड्रायड मोबाइल एप्लीकेशन 'मुद्रा' पर डिस्पले होता है. यूजर लोकेशन सेलेक्ट करके व्हील चेयर से कही भी आसानी से पहुंच सकते हैं. इस ऐप के लिए इंटरनेट और जीपीएस की भी जरुरत नहीं पड़ती लेकिन इस्तेमाल होने वाला फोन ब्लूटूथ को सपोर्ट करने वाला होना चाहिए. अस्पताल के डॉक्टर और नर्सेज ने इस 'सेल्फ-ई' व्हील चेयर को पास कर दिया है. जिसके बाद 'सेल्फ-ई' बनाने वाली टीम इसे पेटेंट कराने जा रही है. इस व्हील चेयर के बाजार में आने के बाद दिव्यांग व्यक्ति का जीवन काफी आसान हो जाएगा, क्योंकि 'सेल्फ-ई' पर सवार दिव्यांग ऐप ते जरिए सेल्फ ड्राइवर कर सकेंगे.
ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा का तर्क है कि बिजली बोर्ड में उनका सीधा हस्तक्षेप नहीं है, जिससे कई चीजें इग्नोर हो रही हैं.
अमित शाह एक दिन के हिमाचल प्रवास पर आएंगे. लेकिन बैठकों में दौरा तय नहीं हो पाया है.
हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिला की कोटला पंजोला पंचायत के थूरन गांव के 42 राष्ट्रीय राइफल के जवान शहीद अजय कुमार का परिवार आज भी अपने गांव मे बिजली पानी व सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव के साथ जीवन जीने को मजबूर हैं.
हिमाचल प्रदेश के ऊना सदर विधानसभा क्षेत्र की पंचायत समिति मलाहत में हुए उपचुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवार रवि जैलदार ने जोरदार जीत हासिल की है.
आरोप है कि नाइट ड्यूटी में ज्यादातर लोग शराब पीकर इलाज करवाने पहुंचते है. कई बार हादसों की स्थिति में मरीज व तीमारदार डॉक्टरों और नर्सों से अभद्र व्यवहार करते हैं.
सोमवार को यमुना का जलस्तर जहां 205.62 मीटर दर्ज किया गया था वहीं मंगलवार को यह 206 मीटर तक पहुंच गया.
सोमवार को यमुना का जलस्तर जहां 205.62 मीटर दर्ज किया गया था वहीं मंगलवार को यह 206 मीटर तक पहुंच गया.
हाल ही में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने यो-यो टेस्ट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला है, जिसमें एलिस्टर कुक और जेम्स एंडरसन दौड़ रहे हैं.
कोहली को 'विराट' टेस्ट बल्लेबाज बनाने वाला गेंदबाज कोई और नहीं इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन हैं.
शाहिद अफरीदी के नाम है इंटरनेशनल क्रिकेट में 476 छक्के लगाने का रिकॉर्ड
सबसे ऊंचे कैच के दौरान रिकॉर्ड के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम क्रिकेट की गेंद को ड्रोन के जरिए हवा में ले गई और फिर उसे वहां से नीचे छोड़ा
स्मृति मंधाना ने सबसे तेज टी20 अर्धशतक के रिकॉर्ड की बराबरी की
आगामी श्रृंखला में सबकी नजरें कोहली पर लगी है क्योंकि पिछले चार साल में वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में एक बन कर उभरे हैं.
आरोप है कि नाइट ड्यूटी में ज्यादातर लोग शराब पीकर इलाज करवाने पहुंचते है. कई बार हादसों की स्थिति में मरीज व तीमारदार डॉक्टरों और नर्सों से अभद्र व्यवहार करते हैं.
सोमवार को यमुना का जलस्तर जहां 205.62 मीटर दर्ज किया गया था वहीं मंगलवार को यह 206 मीटर तक पहुंच गया.
देश, दुनिया, आर्थिक, बॉलीवुड, खेल में क्या कुछ हुआ... जानने के लिए बने रहें News18Hindi के साथ.
राहुल के आंख मारने के वाकये को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा सदन की गरिमा के लिहाज से अनुचित बताये जाने पर नगमा ने कहा, 'इस वाकये में भला क्या गलत है. क्या उन्होंने (राहुल) ने किसी को गाली दी थी.'
जानिए कैसा गुजरेगा आपका ये हफ्ता
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आगामी श्रृंखला में सबकी नजरें कोहली पर लगी है क्योंकि पिछले चार साल में वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में एक बन कर उभरे हैं.
भारत में दिव्यागों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है. जी हां, केरल में इंजीनियरिंग के कुछ छात्रों ने मिलकर इनके लिए सेल्फ ड्राइव व्हील चेयर बनाई है. जिसे चलाने के लिए किसी दूसरे के सहारे की जरुरत नहीं पड़ेगी, दिव्यांग व्यक्ति व्हील चेयर पर बैठ-बैठे अपने मोबाइल ऐप से कमांड देकर इसे नियंत्रित कर सकता है. इस आविष्कार से दिव्यांग व्यक्ति अपनी व्हील चेयर को आसानी से आगे-पीछे और दायें-बायें मुड़ा सकेंगे वो भी बिना किसी अन्य की सहायता के. 'सेल्फ-ई' नामक इस व्हील चेयर को केरल के कोलाम अमृता विश्व विद्यापीठम में बनाया गया है. इसे इंजीनियरिंग के 3 छात्रों रवि तेजा, सारथ श्रीकांत और अखिल राज ने मिलकर बनाया है. इन छात्रों के द्वारा पिछले साल जुलाई में 'सेल्फ-ई' बनाने का प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी. एक साल की मेहनत और लगन के बाद इन्होंने मिलकर बनाया 'सेल्फ-ई'. इस 'सेल्फ-ई' को मॉल्स, एयरपोर्ट, अस्पताल और घरों में भी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे बनाने में 90 हजार से एक लाख रुपये का खर्च आता है. इस 'सेल्फ-ई' व्हील चेयर को मोबाइल ऐप से कंट्रोल किया जाता है. इसमें लेजर सेंसर आधारित लाईडार टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है. सेंसर पर्यावरण के एलिमेंट की पहचान करके मैप तैयार करता है. यह मैप एंड्रायड मोबाइल एप्लीकेशन 'मुद्रा' पर डिस्पले होता है. यूजर लोकेशन सेलेक्ट करके व्हील चेयर से कही भी आसानी से पहुंच सकते हैं. इस ऐप के लिए इंटरनेट और जीपीएस की भी जरुरत नहीं पड़ती लेकिन इस्तेमाल होने वाला फोन ब्लूटूथ को सपोर्ट करने वाला होना चाहिए. अस्पताल के डॉक्टर और नर्सेज ने इस 'सेल्फ-ई' व्हील चेयर को पास कर दिया है. जिसके बाद 'सेल्फ-ई' बनाने वाली टीम इसे पेटेंट कराने जा रही है. इस व्हील चेयर के बाजार में आने के बाद दिव्यांग व्यक्ति का जीवन काफी आसान हो जाएगा, क्योंकि 'सेल्फ-ई' पर सवार दिव्यांग ऐप ते जरिए सेल्फ ड्राइवर कर सकेंगे.










